ज़िन्दगी के सफर में अकेले रह गए

 ज़िन्दगी के सफर में अकेले रह गए,

जो अपने थे वो भी बेगाने रह गए।

सोचा था दर्द बांट लेंगे अपनों से,

पर ज़ख्म दिखाए तो सब अनजाने रह गए।




Comments

Popular posts from this blog

रिश्तों की किताब में कुछ पन्ने खाली रह गए